Thursday, August 21, 2014

इम्तिहान

 वफ़ा और ज़फ़ा की उनकी  सियासत में
        आओ अपनी नां  को उनकी हाँ में छुपा दें

तिज़ारते इश्क के उनके  बाजार में
          आओ उनकी जीत को अपनी हार से खरीद लें

चलो  आज उनका इम्तिहान लें
                 आओ मुश्किल चीज़ों को आसान  बनादें


अशोक